चुड़ैल बनी दुल्हन
यह कहानी आज से 60 -70 साल पहले की है और बिल्कु सच्ची है इसके बारे में मैंने अपने गाओ के बारे बूढ़े से कितनी बार इस कहानी को सुना है ----
तो कहानी ऐसी है की करीब 70 साल पहले हमारे ही गाँव का एक फौजी छुट्टी पर घर आया था. पहाड़ी इलाका था और बहुत पिछड़ा भी था. इसलिए कोई बस या कोई और साधन सीधा गांव तक नहीं आता था. बस सीधा बस अड्डे पर उतारती थी और वहां से पैदल ही गांव तक आना पड़ता था पहाड़ो के बीच से.तो वो फौजी पैदल ही रात के समय सुनसान इलाके से घर आ रहा था. जब वो रास्ते में आ ही रहा था की उसको सड़क किनारे जंगल में किसी लड़की के रोने की आवाज़ सुनाई दी. फौजी था इसलिए बहादुर भी था, तो वो जंगल के अंदर गया देखने के लिए की कौन रो रहा है. कोई और होता तो शायद इतनी हिम्मत नहीं कर पाता. जब वो अंदर पंहुचा तो उसने देखा की अँधेरे में एक पेड़ के नीचे एक जवान लड़की अकेली बैठी है और रो रही है.
वो उसके पास पंहुचा और उससे पूछा की वो वहां कैसे पहुंची और उसका घर कहाँ है. लड़की जवान थी और बेहद खूबसूरत थी. लेकिन उसको कुछ याद नहीं था. लड़की रो रही थी और उसने फौजी से उसको अपने साथ ले जाने के लिए बोला . फौजी उस लड़की को अपने घर ले आया.
अगले ही दिन पूरे गांव में ये बात फ़ैल गयी की फौजी किसी लड़की को लाया है जंगल से. सबने जानने की कोशिश की लड़की से की वो कौन है कहाँ से आयी है. लेकिन उसको कुछ याद नहीं था. शायद उसकी याददाश्त खो चुकी थी, सबको लगा. लड़की फौजी के घर ही रहने लगी. फौजी लड़का भी जवान था और उसकी भी शादी नहीं थी. एक ही घर में दो अनजान लड़का और लड़की रह रहे थे, लोगो का तरह तरह का बात करना लाजमी था. इसलिए उस फौजी लड़के के घरवालों और गांव वालो ने फैसला किया की उन दोनों की शादी कर दी जाये. लड़की ने भी हाँ कर दी. लड़की बहुत सुन्दर थी इसलिए फौजी लड़का भी मान गया.
लेकिन शादी से पहले उस लड़की ने फौजी लड़के के सामने एक शर्त राखी. उसने बोला की मैँ तुम्हारी हर एक बात मानूंगी. घर का सारा काम करुँगी. बस तुम कभी भी बिना दरवाजा खट-खटाये मेरे कमरे के अंदर मत आना. लड़का मान गया. और दोनों की अच्छे से शादी कर दी गयी.
सब कुछ अच्छा चल रहा था. 10-12 साल बीत गए. दोनों के 3 बच्चे भी हो गए थे. फौजी लड़का बीच बीच में छुट्टियों पर आता कुछ समय बिताता फिर वापिस चला जाता.
एक बार वो छुट्टियों पर आया हुआ था वो और बस जाने ही वाला था. सुबह अच्छे से तैयार होकर खाना भी खा लिया था. उसकी पत्नी ने खाना बना दिया था. फिर वो बाहर चला गया जाने के लिए. कुछ दूर जाने पर उसको याद आया की वो कुछ भूल गया है घर पर. तो वो जल्दी जल्दी वापिस घर गया. जल्दबाजी में उसको अपनी पत्नी की वो बात याद नहीं रही की उसको बिना दरवाजा खट-खटाये अंदर नहीं जाना है. और वो जल्दबाजी में ऐसे ही दरवाजे के अंदर घुस गया.
अंदर घुसते ही उसने जो देखा उसको देखके उसके होश उड़ गए. उसने देखा की कमरे के अंदर उसकी पत्नी
मट्टी के चूल्हे पर रोटी बना रही है और उसका एक पैर चूल्हे के अंदर रखा हुआ है, जलती आग के अंदर. बाल बिखरे हुए थे. ये देखके उसकी चीख निकल गयी. आवाज़ सुनकर उसकी पत्नी का ध्यान उसपर गया तो वो गुस्से से उठी और चिल्लाई – ” मैंने बोलै था न कभी भी बिना दरवाजा खटकाये अंदर मत आना”
इतना बोलके उसने गुस्से में उस फौजी को एक थप्पड़ मारा. और तेजी से भाग के बाहर चली गयी. वो इतनी तेजी से निकली की कोई देख नहीं पाया की वो कहाँ गायब हो गयी.
उस थप्पड़ की चोट ऐसी थी उस फौजी के गर्दन हमेशा के लिए टेढ़ी हो गयी और बुढ़ापे तक टेढ़ी ही रही.
उस दिन के बाद किसी ने उस लड़की को नहीं देखा. गांव के लोग आज भी इस बारे में बातें करते हैं, लेकिन किसी को नहीं पता की वो कौन थी और कहाँ से आयी थी.
तो दोस्तों आपको यह स्टोरी कैसा लगा कमेंट कर के जरूर बताये धनयवाद जय हिन्द



3 comments
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